श्रेणी: जीवन के अनुभव की गवाहियाँ
“क्या आप कोई विदेशी भाषा बोल सकती हैं? क्या आपको काम का कोई अनुभव है?”
“नहीं, सॉरी, मैं कोई विदेशी भाषा नहीं बोल पाती, और मुझे काम का कोई अनुभव भी नहीं है।”
“अगर ऐसी बात है तो आय एम सॉरी, हम फिलहाल कुशल कर्मचारी चाहते हैं, नौसिखिए नहीं।”
टेलीफोन पर बात खत्म होते ही मेरे दिमाग में खलबली-सी मच गई, “हे प्रभु, यह नौकरी के लिए आज मेरी तीसरी कॉल है। अगर काम नहीं मिला तो मैं इस महीने का किराया नहीं दे पाऊँगी।”
नौकरी की निष्फल खोज के बारे में मेरी रूममेट मुझे सलाह देती है
मेरी रूममेट ने मुझे ठंडी साँसें भरते देखा तो मेरे पास चली आई। उसने कहा, “तुम कुछ ज़्यादा ही ईमानदार हो। जब भी कोई तुमसे कुछ पूछता है, तो तुम हमेशा सत्य बोलती हो, और इस तरह तो तुम्हें निश्चित रूप से कोई काम नहीं मिलेगा। Continue reading “एक ईसाई की आपबीती : रोजगार की तलाश का एक अनूठा अनुभव”
सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, “अंत के दिनों में, इन दिनों में परमेश्वर के कार्य के वर्तमान चरण में, वह मनुष्य को पहले की तरह अनुग्रह एवं आशीषें प्रदान नहीं करता है, न ही वह लोगों को आगे बढ़ने के लिए फुसलाता है। कार्य के इस चरण के दौरान, परमेश्वर के कार्य के सभी पहलुओं से मनुष्य ने क्या देखा जिसका उसने अनुभव किया है? मनुष्य ने परमेश्वर के प्रेम को, परमेश्वर के न्याय और उसकी ताड़ना को देखा है। Continue reading “परमेश्वर के वचनों ने मेरी आत्मा को जगा दिया”