श्रेणी: अंत के दिनों का न्याय
यह खंड परमेश्वर के अंत के दिनों के न्याय के कार्य, तथा अनंत जीवन के मार्ग आदि के बारे में सत्यों का विवरण देता है, परमेश्वर की प्रबंधन योजना के तमाम रहस्यों का खुलासा करता है, और राज्य के आगमन का सुसमाचार हम तक पहुंचाता है।
देहधारी परमेश्वर मसीह कहलाता है और मसीह परमेश्वर के आत्मा द्वारा धारण की गई देह है। यह देह किसी भी मनुष्य की देह से भिन्न है। यह भिन्नता इसलिए है क्योंकि मसीह मांस तथा खून से बना हुआ नहीं है; वह आत्मा का देहधारण है। उसके पास सामान्य मानवता तथा पूर्ण दिव्यता दोनों हैं। उसकी दिव्यता किसी भी मनुष्य द्वारा धारण नहीं की जाती। Continue reading “देहधारी परमेश्वर और परमेश्वर द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले लोगों के बीच मूलभूत अंतर”
“मुझे तुम से और भी बहुत सी बातें कहनी हैं, परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते। परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा परन्तु जो कुछ सुनेगा वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा” (यूहन्ना 16:12-13)।
“मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं; मैं उन्हें जानता हूँ, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं” (यूहन्ना 10:27)।
“जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है” (प्रकाशितवाक्य 2:7)। Continue reading “कोई वाकई कैसे पुष्टि करे कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर लौटे कर आए यीशु हैं?”
यहोवा के कार्य से लेकर यीशु के कार्य तक, और यीशु के कार्य से लेकर इस वर्तमान चरण तक, ये तीन चरण परमेश्वर के प्रबंधन के पूर्ण विस्तार को एक सतत सूत्र में पिरोते हैं, और वे सब एक ही पवित्रात्मा का कार्य हैं। दुनिया के सृजन से परमेश्वर हमेशा मानवजाति का प्रबंधन करता आ रहा है। वही आरंभ और अंत है, वही प्रथम और अंतिम है, और वही एक है जो युग का आरंभ करता है और वही एक है जो युग का अंत करता है। विभिन्न युगों और विभिन्न स्थानों में कार्य के तीन चरण अचूक रूप में एक ही पवित्रात्मा का कार्य हैं। Continue reading “परमेश्वर के कार्य के तीनों चरणों के बीच संबंध”
मेरी संपूर्ण प्रबंधन योजना, छह-हज़ार-वर्षीय प्रबंधन योजना, के तीन चरण या तीन युग हैं : आरंभ में व्यवस्था का युग; अनुग्रह का युग (जो छुटकारे का युग भी है); और अंत के दिनों का राज्य का युग। इन तीनों युगों में मेरे कार्य की विषयवस्तु प्रत्येक युग के स्वरूप के अनुसार अलग-अलग है, परंतु प्रत्येक चरण में यह कार्य मनुष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप है—या, ज्यादा सटीक रूप में, यह शैतान द्वारा उस युद्ध में चली जाने वाली चालों के अनुसार किया जाता है, जो मैं उससे लड़ रहा हूँ। Continue reading “मानवजाति के प्रबंधन के लिए परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों का उद्देश्य”
“देहधारण” परमेश्वर का देह में प्रकट होना है; परमेश्वर सृष्टि के मनुष्यों के मध्य देह की छवि में कार्य करता है। इसलिए, परमेश्वर को देहधारी होने के लिए, सबसे पहले देह बनना होता है, सामान्य मानवता वाला देह; यह सबसे मौलिक आवश्यकता है। वास्तव में, परमेश्वर के देहधारण का निहितार्थ यह है कि परमेश्वर देह में रह कर कार्य करता है, परमेश्वर अपने वास्तविक सार में देहधारी बन जाता है, वह मनुष्य बन जाता है। Continue reading “देहधारण और उसका सार क्या है”
अगर चमकती पूर्वी बिजली सच्चा मार्ग है, तो आप किस आधार पर इसको पक्का कर रहे हैं? हम प्रभु यीशु में इसलिए विश्वास करते हैं क्योंकि वे हमें बचा सकते हैं, लेकिन आप किस चीज़ से ये जांच रहे हैं कि चमकती पूर्वी बिजली सच्चा मार्ग है?
देहधारी हुए परमेश्वर को मसीह कहा जाता है, और इसलिए वह मसीह जो लोगों को सत्य दे सकता है परमेश्वर कहलाता है। इसमें कुछ भी अतिशयोक्ति नहीं है, क्योंकि वह परमेश्वर का सार धारण करता है, और अपने कार्य में परमेश्वर का स्वभाव और बुद्धि धारण करता है, जो मनुष्य के लिए अप्राप्य हैं। वे जो अपने आप को मसीह कहते हैं, परंतु परमेश्वर का कार्य नहीं कर सकते हैं, धोखेबाज हैं। मसीह पृथ्वी पर परमेश्वर की अभिव्यक्ति मात्र नहीं है, बल्कि वह विशेष देह भी है जिसे धारण करके परमेश्वर मनुष्य के बीच रहकर अपना कार्य करता और पूरा करता है। Continue reading “वर्तमान में दुनिया भर के विभिन्न धार्मिक समुदायों में झूठे मसीहों द्वारा धोखा देने की कई घटनाएँ होती हैं। इस धोखे को इसकी वास्तविकता में देख पाने में असमर्थ, कई लोगों ने इन झूठे मसीहों का अनुसरण किया है, जिससे प्रभु यीशु की यह भविष्यवाणी पूरी होती है: “उस समय यदि कोई तुम से कहे, ‘देखो, मसीह यहाँ है!’ या ‘वहाँ है!’ तो विश्वास न करना। क्योंकि झूठे मसीह और झूठे भविष्यद्वक्ता उठ खड़े होंगे, और बड़े चिह्न, और अद्भुत काम दिखाएँगे कि यदि हो सके तो चुने हुओं को भी भरमा दें” (मत्ती 24:23-24)। इसलिए हम मानते हैं कि जिस किसी को भी प्रभु के आगमन के रूप में गवाही दी जाती है, वह निर्विवाद रूप से एक झूठा मसीह है, और उनकी तलाश करने और उनकी जाँच करने की कोई आवश्यकता नहीं है। क्या यह मानने में हम भूल कर रहे हैं?”