प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों को स्वर्ग का राज्य के रहस्यों के बारे में बताया, और क्या प्रभु यीशु की वापसी के रूप में, सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने भी अनेक रहस्य उजागर किए हैं? क्या आप लोग सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा प्रकट किए गए कुछ रहस्यों के बारे में हमारे साथ संगति कर सकते हैं? इससे परमेश्वर की वाणी पहचानने में हमें बहुत सहायता मिलेगी।

सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया|बुद्धिमान कुँवारियाँ दूल्हे का स्वागत करती हैं
 
उत्तर: प्रत्येक बार जब परमेश्वर देहधारण करते हैं, वे हमारे लिए अनेक सत्यों और रहस्यों को प्रकट करते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं। मानवजाति को बचाने के लिए परमेश्वर देहधारण करते हैं, और इसलिए स्वाभाविक रूप से वे अनेक सत्यों को अभिव्यक्त करते हैं, और अनेक रहस्यों को प्रकट करते हैं। उदाहरण के लिए, अनुग्रह के युग में, देहधारी परमेश्वर, प्रभु यीशु ने उपदेश देने और अपना कार्य करने के क्रम में अनेक रहस्यों को प्रकट किया, “मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आया है” (मत्ती 4:17)। “जो मुझ से, ‘हे प्रभु! हे प्रभु!’ कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा: परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है” (मत्ती 7:21)। इसके अतिरिक्त, प्रभु यीशु ने और भी अनेक रहस्य प्रकट किए, जिनके बारे में मैं अभी नहीं बोलूँगी। Continue reading “प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों को स्वर्ग का राज्य के रहस्यों के बारे में बताया, और क्या प्रभु यीशु की वापसी के रूप में, सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने भी अनेक रहस्य उजागर किए हैं? क्या आप लोग सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा प्रकट किए गए कुछ रहस्यों के बारे में हमारे साथ संगति कर सकते हैं? इससे परमेश्वर की वाणी पहचानने में हमें बहुत सहायता मिलेगी।”

तुम यह गवाही देते हो कि प्रभु यीशु पहले से ही सर्वशक्तिमान परमेश्वर के रूप में लौट चुका है, वह उस संपूर्ण सत्य को अभिव्यक्त करता है जो मानवता को शुद्ध बनाता और उसे बचाता है और वह परमेश्वर के परिवार से शुरू होने वाले न्याय के कार्य को करता है, तो हमें परमेश्वर की आवाज़ को कैसे पहचाननी चाहिए और हमें कैसे इस बात की पुष्टि करनी चाहिए कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर वास्तव में लौटा हुआ प्रभु यीशु ही है?

सुसमाचार-सम्बन्धित प्रश्नोत्तर|सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया

उत्तर: यह प्रश्न सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य को स्वीकारने और परमेश्वर के प्रकटन को देखने के लिए, हमें यह जानना होगा कि परमेश्वर की आवाज की पहचान कैसे की जाए। वास्तव में, परमेश्वर की आवाज पहचानने का अर्थ है परमेश्वर के वचनों और कथनों को पहचानना, और सृष्टिकर्ता के वचनों की विशेषताओं को पहचानना। चाहे वे देहधारी परमेश्वर के वचन हों, या परमात्मा के कथन हों, वे सभी ऊपर आकाश से परमेश्वर द्वारा मानवजाति को कहे गए वचन हैं। Continue reading “तुम यह गवाही देते हो कि प्रभु यीशु पहले से ही सर्वशक्तिमान परमेश्वर के रूप में लौट चुका है, वह उस संपूर्ण सत्य को अभिव्यक्त करता है जो मानवता को शुद्ध बनाता और उसे बचाता है और वह परमेश्वर के परिवार से शुरू होने वाले न्याय के कार्य को करता है, तो हमें परमेश्वर की आवाज़ को कैसे पहचाननी चाहिए और हमें कैसे इस बात की पुष्टि करनी चाहिए कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर वास्तव में लौटा हुआ प्रभु यीशु ही है?”

चमकती पूर्वी बिजली कहां से आती है?

चमकती पूर्वी बिजली कहां से आती है?

प्रभु यीशु के ज्यादातर अनुयायी अपने पादरियों, एल्डर्स, या प्रचारकों से चमकती पूर्वी बिजली के बारे में सुनते हैं, लेकिन असलियत में कोई नहीं जानता है कि चमकती पूर्वी बिजली आई कहां से। जब चमकती पूर्वी बिजली के अस्तित्व की बात हो, तो हर किसी का स्‍वयं ही का मत है: कुछ लोग मानते हैं कि यह ईसाई धर्म के नए संप्रदाय से अधिक और कुछ नहीं, तो दूसरे इसे ‘विधर्म’ या ‘एक दुष्‍ट कुपंथ’ कहकर इसकी निंदा करते हैं। लोगों की एक बेतुकी धारणाएं इसलिए है क्योंकि वे परमेश्वर को कार्य को नहीं जानते हैं। Continue reading “चमकती पूर्वी बिजली कहां से आती है?”

देहधारी परमेश्वर और परमेश्वर द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले लोगों के बीच मूलभूत अंतर

देहधारी परमेश्वर और परमेश्वर द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले लोगों के बीच मूलभूत अंतर
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन :

देहधारी परमेश्वर मसीह कहलाता है और मसीह परमेश्वर के आत्मा द्वारा धारण की गई देह है। यह देह किसी भी मनुष्य की देह से भिन्न है। यह भिन्नता इसलिए है क्योंकि मसीह मांस तथा खून से बना हुआ नहीं है; वह आत्मा का देहधारण है। उसके पास सामान्य मानवता तथा पूर्ण दिव्यता दोनों हैं। उसकी दिव्यता किसी भी मनुष्य द्वारा धारण नहीं की जाती। Continue reading “देहधारी परमेश्वर और परमेश्वर द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले लोगों के बीच मूलभूत अंतर”

कोई वाकई कैसे पुष्टि करे कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर लौटे कर आए यीशु हैं?

कोई वाकई कैसे पुष्टि करे कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर लौटे कर आए यीशु हैं?
 
संदर्भ के लिए बाइबल के पद:

“मुझे तुम से और भी बहुत सी बातें कहनी हैं, परन्तु अभी तुम उन्हें सह नहीं सकते। परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा परन्तु जो कुछ सुनेगा वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा” (यूहन्ना 16:12-13)।

“मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं; मैं उन्हें जानता हूँ, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं” (यूहन्ना 10:27)।

“जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है” (प्रकाशितवाक्य 2:7)। Continue reading “कोई वाकई कैसे पुष्टि करे कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर लौटे कर आए यीशु हैं?”

परमेश्वर के कार्य के तीनों चरणों के बीच संबंध

परमेश्वर के कार्य के तीनों चरणों के बीच संबंध

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन :

यहोवा के कार्य से लेकर यीशु के कार्य तक, और यीशु के कार्य से लेकर इस वर्तमान चरण तक, ये तीन चरण परमेश्वर के प्रबंधन के पूर्ण विस्तार को एक सतत सूत्र में पिरोते हैं, और वे सब एक ही पवित्रात्मा का कार्य हैं। दुनिया के सृजन से परमेश्वर हमेशा मानवजाति का प्रबंधन करता आ रहा है। वही आरंभ और अंत है, वही प्रथम और अंतिम है, और वही एक है जो युग का आरंभ करता है और वही एक है जो युग का अंत करता है। विभिन्न युगों और विभिन्न स्थानों में कार्य के तीन चरण अचूक रूप में एक ही पवित्रात्मा का कार्य हैं। Continue reading “परमेश्वर के कार्य के तीनों चरणों के बीच संबंध”

मानवजाति के प्रबंधन के लिए परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों का उद्देश्य

मानवजाति के प्रबंधन के लिए परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों का उद्देश्य
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन :

मेरी संपूर्ण प्रबंधन योजना, छह-हज़ार-वर्षीय प्रबंधन योजना, के तीन चरण या तीन युग हैं : आरंभ में व्यवस्था का युग; अनुग्रह का युग (जो छुटकारे का युग भी है); और अंत के दिनों का राज्य का युग। इन तीनों युगों में मेरे कार्य की विषयवस्तु प्रत्येक युग के स्वरूप के अनुसार अलग-अलग है, परंतु प्रत्येक चरण में यह कार्य मनुष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप है—या, ज्यादा सटीक रूप में, यह शैतान द्वारा उस युद्ध में चली जाने वाली चालों के अनुसार किया जाता है, जो मैं उससे लड़ रहा हूँ। Continue reading “मानवजाति के प्रबंधन के लिए परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों का उद्देश्य”

देहधारण और उसका सार क्या है

देहधारी परमेश्वर के प्रकटन और कार्य से संबंधित वचन
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन :

“देहधारण” परमेश्वर का देह में प्रकट होना है; परमेश्वर सृष्टि के मनुष्यों के मध्य देह की छवि में कार्य करता है। इसलिए, परमेश्वर को देहधारी होने के लिए, सबसे पहले देह बनना होता है, सामान्य मानवता वाला देह; यह सबसे मौलिक आवश्यकता है। वास्तव में, परमेश्वर के देहधारण का निहितार्थ यह है कि परमेश्वर देह में रह कर कार्य करता है, परमेश्वर अपने वास्तविक सार में देहधारी बन जाता है, वह मनुष्य बन जाता है। Continue reading “देहधारण और उसका सार क्या है”

अगर चमकती पूर्वी बिजली सच्चा मार्ग है, तो आप किस आधार पर इसको पक्का कर रहे हैं? हम प्रभु यीशु में इसलिए विश्वास करते हैं क्योंकि वे हमें बचा सकते हैं, लेकिन आप किस चीज़ से ये जांच रहे हैं कि चमकती पूर्वी बिजली सच्चा मार्ग है?

हिंदी बाइबल स्टडी|

अगर चमकती पूर्वी बिजली सच्चा मार्ग है, तो आप किस आधार पर इसको पक्का कर रहे हैं? हम प्रभु यीशु में इसलिए विश्वास करते हैं क्योंकि वे हमें बचा सकते हैं, लेकिन आप किस चीज़ से ये जांच रहे हैं कि चमकती पूर्वी बिजली सच्चा मार्ग है?

उत्तर: इस बात पर, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के विचार जानने के लिए, उनके वचनों के दो अंश पढ़ते हैं। सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, “सच्चे मार्ग की खोज करने में सबसे बुनियादी सिद्धांत क्या है? तुम्हें देखना होगा कि इस मार्ग में पवित्र आत्मा का कार्य है या नहीं, ये वचन सत्य की अभिव्यक्ति हैं या नहीं, किसके लिए गवाही देनी है, और यह तुम्हारे लिए क्या ला सकता है” (“वचन देह में प्रकट होता है” में ‘जो परमेश्वर को और उसके कार्य को जानते हैं, केवल वे ही परमेश्वर को संतुष्ट कर सकते हैं’)। Continue reading “अगर चमकती पूर्वी बिजली सच्चा मार्ग है, तो आप किस आधार पर इसको पक्का कर रहे हैं? हम प्रभु यीशु में इसलिए विश्वास करते हैं क्योंकि वे हमें बचा सकते हैं, लेकिन आप किस चीज़ से ये जांच रहे हैं कि चमकती पूर्वी बिजली सच्चा मार्ग है?”

वर्तमान में दुनिया भर के विभिन्न धार्मिक समुदायों में झूठे मसीहों द्वारा धोखा देने की कई घटनाएँ होती हैं। इस धोखे को इसकी वास्तविकता में देख पाने में असमर्थ, कई लोगों ने इन झूठे मसीहों का अनुसरण किया है, जिससे प्रभु यीशु की यह भविष्यवाणी पूरी होती है: “उस समय यदि कोई तुम से कहे, ‘देखो, मसीह यहाँ है!’ या ‘वहाँ है!’ तो विश्‍वास न करना। क्योंकि झूठे मसीह और झूठे भविष्यद्वक्‍ता उठ खड़े होंगे, और बड़े चिह्न, और अद्भुत काम दिखाएँगे कि यदि हो सके तो चुने हुओं को भी भरमा दें” (मत्ती 24:23-24)। इसलिए हम मानते हैं कि जिस किसी को भी प्रभु के आगमन के रूप में गवाही दी जाती है, वह निर्विवाद रूप से एक झूठा मसीह है, और उनकी तलाश करने और उनकी जाँच करने की कोई आवश्यकता नहीं है। क्या यह मानने में हम भूल कर रहे हैं?

आस्था प्रश्न व उत्तर|
 
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

देहधारी हुए परमेश्वर को मसीह कहा जाता है, और इसलिए वह मसीह जो लोगों को सत्य दे सकता है परमेश्वर कहलाता है। इसमें कुछ भी अतिशयोक्ति नहीं है, क्योंकि वह परमेश्वर का सार धारण करता है, और अपने कार्य में परमेश्वर का स्वभाव और बुद्धि धारण करता है, जो मनुष्य के लिए अप्राप्य हैं। वे जो अपने आप को मसीह कहते हैं, परंतु परमेश्वर का कार्य नहीं कर सकते हैं, धोखेबाज हैं। मसीह पृथ्वी पर परमेश्वर की अभिव्यक्ति मात्र नहीं है, बल्कि वह विशेष देह भी है जिसे धारण करके परमेश्वर मनुष्य के बीच रहकर अपना कार्य करता और पूरा करता है। Continue reading “वर्तमान में दुनिया भर के विभिन्न धार्मिक समुदायों में झूठे मसीहों द्वारा धोखा देने की कई घटनाएँ होती हैं। इस धोखे को इसकी वास्तविकता में देख पाने में असमर्थ, कई लोगों ने इन झूठे मसीहों का अनुसरण किया है, जिससे प्रभु यीशु की यह भविष्यवाणी पूरी होती है: “उस समय यदि कोई तुम से कहे, ‘देखो, मसीह यहाँ है!’ या ‘वहाँ है!’ तो विश्‍वास न करना। क्योंकि झूठे मसीह और झूठे भविष्यद्वक्‍ता उठ खड़े होंगे, और बड़े चिह्न, और अद्भुत काम दिखाएँगे कि यदि हो सके तो चुने हुओं को भी भरमा दें” (मत्ती 24:23-24)। इसलिए हम मानते हैं कि जिस किसी को भी प्रभु के आगमन के रूप में गवाही दी जाती है, वह निर्विवाद रूप से एक झूठा मसीह है, और उनकी तलाश करने और उनकी जाँच करने की कोई आवश्यकता नहीं है। क्या यह मानने में हम भूल कर रहे हैं?”