श्रेणी: मनगढ़ंत झाओयुआन मामला
“तब सर्प ने स्त्री से कहा, ‘तुम निश्चय न मरोगे! वरन् परमेश्वर आप जानता है कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे उसी दिन तुम्हारी आँखें खुल जाएँगी, और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्वर के तुल्य हो जाओगे।’ अत: जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने के लिए अच्छा, और देखने में मनभाऊ, और बुद्धि देने के लिये चाहनेयोग्य भी है; तब उसने उसमें से तोड़कर खाया, और अपने पति को भी दिया, और उसने भी खाया। …इसलिये यहोवा परमेश्वर ने उसको अदन की वाटिका में से निकाल दिया कि वह उस भूमि पर खेती करे जिस में से वह बनाया गया था” (उत्पत्ति 3:4-6, 23)।
Continue reading “जो लोग शैतान के अफवाहों को मानकर परमेश्वर से मुँह फेर लेते हैं, उनके साथ परमेश्वर कैसा व्यवहार करता है?”