क्या आप वास्तव में शेन्डोंग झाओयुआन घटना के पीछे की सच्चाई को समझते हैं?

मनगढंत झाओयुआन मामला|धार्मिक अत्याचार|

ही होंगचैंग (मत-आरोपण केन्द्र का निदेशक): मुझे यकीन है कि, आप सब जानते होंगे कि सरकार ने आप सबको बचाने की कोशिश में बहुत निवेश किया है ख़ास तौर से आप जैसे ईसाइयों के लिए शैक्षणिक कोर्सेस तैयार किये। आपको इस मौके का फायदा उठाना चाहिए। अगर आप मेहनत से पढ़ेंगे, तो यहाँ से जल्दी जा सकेंगे। मुझे यकीन है आप समझ रहे होंगे आप एक समझदार इंसान हैं। Continue reading “क्या आप वास्तव में शेन्डोंग झाओयुआन घटना के पीछे की सच्चाई को समझते हैं?”

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने 5/28 झाओयुआन हादसा क्यों गढ़ा?

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने 5/28 झाओयुआन हादसा क्यों गढ़ा

 
मा जिन्लोंग (राष्ट्रीय सुरक्षा दल का कप्तान(अध्यक्ष)): तुम्हें सच्चाई बताता हूँ, हान लू। ऐसा नहीं है कि हम उन लोगों को नहीं समझते जो परमेश्वर में विश्वास करते हैं। मेरे मित्रों में परमेश्वर के विश्वासी भी हैं। मुझे पता है कि जो परमेश्वर में विश्वास रखते हैं वे अच्छे लोग होते हैं जो बुरे काम नहीं करते हैं। तो फिर कम्युनिस्ट पार्टी तुम लोगों को क्यों पकड़ना चाहती है? ऐसा इसलिए, क्योंकि तुम लोगों की सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया बहुत तेजी से बढ़ रही है, इसके प्रभाव तेजी से बढ़ रहे हैं। Continue reading “चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने 5/28 झाओयुआन हादसा क्यों गढ़ा?”

28 मई के झाओयुआन मामले में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुकदमे के पीछे किस तरह का षडयंत्र था?

28 मई के झाओयुआन मामले में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुकदमे के पीछे किस तरह का षडयंत्र था

झेंग वेगुओ (शहरी संयुक्त मोर्चा कार्य विभाग के मंत्री): सीसीपी सरकार सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया को इस तरह से दबाती और दोषी ठहराती है लेकिन तुम्हें लगता है कि वे सब झूठे और बेबुनियाद इल्ज़ाम हैं। तो मैं तुमसे पूछता हूँ, कि तुम मई 28 के शेंडोंग के झाओयुआन मामले के बारे में क्या कहोगे जिसने देश और पूरी दुनिया को हिला दिया था? आखिरकार इस मामले की सुनवाई खुले न्यायालय में हुई थी! Continue reading “28 मई के झाओयुआन मामले में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुकदमे के पीछे किस तरह का षडयंत्र था?”

जो लोग शैतान के अफवाहों को मानकर परमेश्वर से मुँह फेर लेते हैं, उनके साथ परमेश्वर कैसा व्यवहार करता है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:

“तब सर्प ने स्त्री से कहा, ‘तुम निश्‍चय न मरोगे! वरन् परमेश्‍वर आप जानता है कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे उसी दिन तुम्हारी आँखें खुल जाएँगी, और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्‍वर के तुल्य हो जाओगे।’ अत: जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने के लिए अच्छा, और देखने में मनभाऊ, और बुद्धि देने के लिये चाहनेयोग्य भी है; तब उसने उसमें से तोड़कर खाया, और अपने पति को भी दिया, और उसने भी खाया। …इसलिये यहोवा परमेश्‍वर ने उसको अदन की वाटिका में से निकाल दिया कि वह उस भूमि पर खेती करे जिस में से वह बनाया गया था” (उत्पत्ति 3:4-6, 23)।
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